विश्वास बहुत है ना
तुम्हे उस पर
अपने प्रेम पर,
जाने क्या क्या
सपने सजाये है
उसके लिए प्यार के,
घर बसाने के
उसके साथ
उसकी बातों मे आकर,
जब टूट जाएगा
तेरा विश्वास
लूट ले जाएगी ना वो,
तेरा तन - मन
ओर सुख चैन,
सब कुछ,
और तू पागल
तब भी बैठा रहेगा
घुटनो मे मुंह छुपाये
उसे याद करके
इसी पेड के नीचे
तालाब किनारे
उसका इंतजार करता है
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