कुछ शब्द समेटता हूँ मैं,
बस तुम्हारे लिए....
इन लफ्जों को कोई
अक्स-ए -राम समझ लेना
और टांग लेना अपनी
जुल्फों के जूड़े में...
वो सच्चे इश्क की
एक शाम थी जब
मैंने अपना खाली दिल
तुम्हारे नाम कर दिया ...
आँखों से होते हुए तुम्हारी
मैं दिल से,अपने दिल के,
दिल में बस गया
और सपनो से बुनी
इस जिंदगी को
तुम्हारे नाम कर दिया ...

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