Thursday, 13 October 2022

करवा चौथ !!


 

अपनी ख्वाहिशों को 

शब्दों का लिबास पहना

कर अपनी शर्म-ओ-हया 

को अपने मायके भेज 

दो तुम !

मैं तुम्हारी ख्वाहिशों 

का चाँद हूँ इस से रोज 

कुछ न कुछ मांग लिया 

करो तुम !


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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !