Saturday 2 September 2017

रात आती है मेरे आगे

अक्सर 
देर रात तक 
अकेले जागते जागते 
थक जाता हु मैं और 
उस वक़्त जब सब 
सो जाते है और सोने
की तैयारी में होती है 
रात भी तब एक समय 
ऐसा आता है जब दरवाज़ा 
बंद करना होता है मुझे
तब पूरी की पूरी रात 
खुल कर आती है मेरे आगे

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !