Friday, 10 May 2019

मैं तुम्हे सदैव पुकारना चाहता हूँ !


मैं तुम्हे सदैव पुकारना चाहता हूँ,  
संसार में बोली जाने वाली समस्त 
बोली जाने वाली भाषाओँ में;

मैं तुम्हारे नाम का अनुवाद करना चाहता हूँ,  
संसार में बोली जाने वाली समस्त 
बोली जाने वाली भाषाओँ में;

मैं प्रतीक्षा का प्रयाय खोजना चाहता हूँ, 
संसार में बोली जाने वाली समस्त 
बोली जाने वाली भाषाओँ में;

मैं प्रेम में प्रतीक्षा की सीमा खोजना चाहता हूँ,   
संसार में बोली जाने वाली समस्त 
बोली जाने वाली भाषाओँ में;

मैं बस एक तुम्हारी कामना करना चाहता हूँ 
संसार में बोली जाने वाली समस्त 
बोली जाने वाली भाषाओँ में;

मैं बस एक तुम्हे पुकारना चाहता हूँ  
संसार में बोली जाने वाली समस्त 
बोली जाने वाली भाषाओँ में;

मैं तुम्हारे नाम का अनुवाद करना चाहता हूँ,  
संसार में बोली जाने वाली समस्त 
बोली जाने वाली भाषाओँ में !

No comments:

स्पर्शों

तेरे अनुप्राणित स्पर्शों में मेरा समस्त अस्तित्व विलीन-सा है, ये उद्भूत भावधाराएँ अब तेरी अंक-शरण ही अभयी प्रवीण-सा है। ~डाॅ सियाराम 'प...