Wednesday, 28 February 2018

ज़िन्दगी की पाठशाला

कुछ लोग तो यु ही 
पा लेते है दाखिला 
ज़िन्दगी की पाठशाला में
जैसे करनी होती है पूरी 
एक औपचारिकता
और तो और इनायत 
देखो ज़िन्दगी की उनपर
उन्हें मिल जाता है अनमोल  
खज़ाना उस ज़िन्दगी का
जो नहीं मिलता उन्हें भी 
कई बार जो पढ़ते है
चारों पहर की नमाज़  
करते है आठों पहर की पूजा 
रखती है सोलह बरसो 
तक सोमवार पर इतना 
जरूर है की वो जो 
पा लेते है दाखिला यु ही 
ज़िन्दगी की पाठशाला में
वो रह जाते है अन-उत्तीर्ण

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