Thursday 8 February 2018

मेरी "हम्म"

                                                                 💕Proposed Day💕

तुम्हारे प्रेम ने उस 
पहले ही दिन मुझे 
विवस कर दिया था 
तुम्हे वो सब कहने को
जिसे कहने में अक्सर 
प्रेमी को लग जाते है 
बर्षो महीनो या कई दिन
उस प्रेम के उफनती लहर
में मैं बहा कुछ इस कदर की 
उस पहले ही दिन मैं ना रह 
पाया तुम्हे कहे बगैर की मैं  
तुम्हे बेइंतेहा मोहोब्बत करता हु 
सर से पाँव तक विस्मित तुम 
मुझे देखती रह गयी थी पर
शायद तुम्हारे दिल ने भी 
मेरे इस प्रस्ताव को स्वीकार
कर लिया था तभी तो तुम 
कुछ देर निरुत्तर सी नजरे 
निचे किये खड़ी रह सिर्फ इतना
कह पायी थी "हम्म" और उसी  
पल मैंने तुम्हारा नाम "हम्म"
रख दिया था   

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !