Thursday, 25 April 2019

आओ चलें एक नयी दुनियां में !

आओ चलें एक नयी दुनियां में !

आओ तुम्हें मैं लेकर चलता हूं,
एक बिलकुल नई दुनिया में;

सपनों से भी बहुत आगे एक, 
एक बिलकुल नई दुनिया में;

जहां दिन शुरू होता है,
तेरी एक-एक अंगड़ाइयों से;

जहां बिखर जाती है शाम,
तेरी पलकों की जुम्बिश से;

जहाँ के पंछियों ने सीखा है,
गाना तेरी पायल की रूनझुन से;

जहाँ के पेड़ों ने फैला रखी है,
छांव लेकर तेरी आंचल से; 

जहाँ की रातों को सकूँ मयस्सर, 
होता है तेरी गोलाकार बाँहों से; 

आओ तुम्हें मैं लेकर चलता हूं,
एक बिलकुल नई दुनिया में !

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