Tuesday 9 January 2018

एक पूरी प्रक्रिया

गेहू और गेहू से 
बनता उसका आटा
आटे से उसकी लोई 
और लोई से रोटी 
एक पूरी प्रक्रिया से
गुजर कर गेहू रोटी
की शक्ल अख्तियार 
करता है और इस पूरी
प्रक्रिया में बनाने वाले 
इंसान की मेहनत के 
साथ जब भावना जुड़ती है
तो उस से खाने वाले का
पेट ही नहीं भरता बल्कि 
उसका मन भी तृप्त होता है 
ठीक इसी प्रकार प्रेम में
देखे गए सपनो को भी पूरी
प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है 
थोड़ी सी असावधानी जिस 
प्रकार रोटी को जला देती है 
वैसे ही थोड़ी सी असावधानी
उन सपनो को चूर-चूर कर देती है 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !