Friday 5 January 2018

सुबह का उजाला

जाने कैसे लोग
प्रेम में हो कर भी 
गहरी नींद में सोते है ;
मुझसे तो करवट 
भी नहीं ली जाती 
जागते हुए भी
इस चिंता में की 
जिस ओर करवट 
लूंगा उस ओर तुम 
ना दिखी तो पूरी 
रात आँखों में ही 
काटनी होगी और 
फिर एक आस में 
पूरी रात आँखों में 
निकालनी पड़ती है 
की सुबह का उजाला 
तुम्हे फिर एक बार 
मेरे पास लेकर आएगा 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !