Friday, 4 August 2017

प्रतीक्षा


जब मैंने देखा,
तुम्हे देखते ही 
रह गया था 
ये सोच कर की 
हमदोनो चलेंगे अब 
उस दिशा में
जहाँ जीवन 
और प्यार
साकार होने की 
प्रतीक्षा में होंगे 
पर तबसे अब तक
चल रहा हु अकेला 
मैं करने साकार 
उसी सपने को 
और कितना चलना 
पड़ेगा अब तक 
पता नहीं मुझे ?

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