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प्रेम !!
ये सच है कि प्रेम पहले ह्रदय को छूता है मगर ये भी उतना ही सच है कि प्रगाढ़ वो देह को पाकर होता है !

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भाविउ मेटि सकहिं त्रिपुरारी ___________________ बदल सकता है,प्रेम का रंग ; बदल सकता है ,मन का स्वभाव ; बदल सकती है ,जीवन की दिशा ; ...
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माँ तुझे सलाम ! •••••••••••••••••• माँ तू मिटटी है, तुझ में मिलकर तुझे सलाम किया है; ख़ुशबू बन कर तेरे ही दिल में सि...
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तेरी याद जैसे ध्रुवतारा वयस्तताओं के महाजंगल में घोर उपेक्षाओं के सागर में निर्मम विरह औऱ तड़पते से तपते मरुस्थल में राह ...
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