जाने कैसी तृप्ति है
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इस मतलबी दुनिया
में तुम एकमात्र
आसक्ति हो मेरी
कहने को तो मुझे
सांस लेने की भी
फुर्सत नहीं थी पहले
जबसे तुम मिली हो
खुशियां जंहा भी दिखती है
समेट लेता हूँ और चाहता हु
उन सबको तुम्हे सौंप देना
पर मेरे तुम्हारे जीवन में
आने के बाद भी तुम्हे
अब तक फुर्सत ही नहीं मिली
अब तक ठीक से मुझे
समझने की जानने की
फिर भी जाने कैसे
अपनी कनखियों से
देख मुझे प्राप्त करना
चाहती हो तुम
जाने कैसी तृप्ति है
ये तुम्हारी जो देखने
मात्रा से पूरी हो जाती है ...?
@srverma

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