नैनो की गीली-गीली
रज्ज में बोये वो
कच्चे कच्चे सपने हैकण्ठ की मधुर मधुर
धुन से गुनगुनाये है
वो प्रेम क गीत
हृदय के नर्म नर्म
आँगन में सजाये
खुशनुमा लम्हे है
इन सबको मैं
टूटता बिखरता
करहाता बैचैन सा
सींचने सँवारने
और सहेजने की
कोशिश कर रहा हु
जब इनमे सुगंध फूटे
तो तुम आना मैं
ये सुगंध तुझमे
भरना चाहता हु
photo courtesy : google

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